कफ (बलगम) – (Phlegm)

कफ (बलगम) - (Phlegm)

कफ (बलगम) क्या होता है? गले की बलगम को कफ (Phlegm) के नाम से भी जाना जाता है। जब आपके गले या नाक के पिछले हिस्से में बलगम जमा हो जाता है, तो इससे बहुत असुविधाजनक महसूस होता है। म्यूकस मेम्ब्रेन (Mucus membranes) श्वसन प्रणाली की रक्षा करने और उसको सहारा देने के लिए कफ बनाती है। ये मेंब्रेन निम्न अंगों में होती है: मुंह नाक गला साइनस फेफड़े

गले व नाक की ग्रंथि एक दिन में कम से कम 1 से 2 लीटर बलगम का उत्पादन करती हैं। बलगम या कफ की अत्याधिक मात्रा होना, परेशान करने वाली समस्या हो सकती है। इसके कारण घंटो बैचेनी रहना, बार-बार गला साफ करते रहना और खांसी जैसी समस्या हो सकती है। ज्यादातर लोगों में यह एक अस्थायी समस्या होती है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह एक स्थिर समस्या बन जाती है। जिसके बेहतर उपचार पर थोड़े समय के लिए राहत मिल पाती है। इसके लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं उपलब्ध हैं। धूल व प्रदूषण की रोकथाम करके कफ के निर्माण में कमी की जा सकती है।

कफ (बलगम) के लक्षण - Phlegm Symptoms

कफ के लक्षण व संकेत क्या हो सकते हैं: अत्याधिक कफ आपके गले व फेफड़ों में जमा हो सकता है। सामान्य कफ साफ या सफेद रंग का होता है और कम गाढ़ा होता है। जो कफ हल्के पीले या हरे रंग का दिखाई पड़ता है या जो कफ असाधारण रूप से अधिक गाढ़ा होता है, वह बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत देता है। गले में जमा बलगम भी सांसो में दुर्गंध पैदा करती है, क्योंकि बलगम में प्रोटीन होती है, जो बैक्टीरिया पैदा करती है। जब आपका शरीर जरूरत से ज्यादा कफ बना देता है, तब अत्याधिक कफ आपके नाक के वायुमार्गों में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगती है। कफ बनने के कारण नाक रूकने की समस्या काफी असहज और यहां तक कि दर्दनाक स्थिति पैदा कर सकती है।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए – अगर नियमित रूप से अत्याधिक कफ बनने लगा है, जिस कारण आप असुविधाजनक महसूस कर रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट ले लेना चाहिए। समय-समय पर बलगम की मात्रा ज्यादा होना या बलगम गाढ़ा महसूस होना कोई चिंता की बात नहीं है। आमतौर पर आप इसे सुबह के समय महसूस कर सकते हैं, क्योंकि यह पूरी रात जमा होता रहता है और सूखता रहता है। अगर आप बीमार हैं या आपको मौसमी एलर्जी है तो आप अधिक कफ को नोटिस कर सकते हैं। अगर कफ आपको एक महीने या उससे ज्यादा समय से परेशान कर रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको कोई अन्य लक्षण है, तो उसके बारे में भी डॉक्टर को बता दें, जैसे: खांसी के साथ खून आना छाती में दर्द होना सांस फूलना घरघराहट होना

कफ (बलगम) के कारण और जोखिम कारक - Phlegm Causes & Risk factors

जब कोई जुकाम या संक्रमण के साथ बीमार पड़ जाता है, तो उसका बलगम गाढ़ा हो जाता है और उसके रंग में भी बदलाव आ जाता है। बलगम काफी चिपचिपा होता है, जिससे यह धूल, वायरस व एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों को अपने अंदर फंसा लेता है। जब आप स्वस्थ होते हैं, तो बलगम में गाढ़ापन कम होता है। लेकिन, जब आप बीमार होते हैं और बहुत सारे कणों के संपर्क में आते हैं, तो बलगम गाढ़ा हो जाता है, क्योंकि यह बाहरी कणों को फंसा लेता है। वैसे तो कफ आपकी श्वसन प्रणाली का एक स्वस्थ हिस्सा होता है, लेकिन अगर यह आपको परेशान कर रहा है, तो आप इसको पतला करने के या इसे निकालने के लिए कुछ तरीकों को अपना सकते हैं। कुछ ज्यादा कफ बनने वाली स्थितियां निम्न हैं -

खाद्य पदार्थ – दुर्भाग्य से कुछ खाद्य पदार्थ गले में बलगम पैदा करने में मदद करते हैं। दूध और दूध से बने उत्पाद, जैसे दही, पनीर और मक्खन गले में अतिरिक्त बलगम बनने का कारण बनते हैं। इन खाद्य पदार्थों में कैसिइन नाम के प्रोटीन अणु होते हैं, जो बलगम का स्त्राव बढ़ाते हैं और पाचन क्रिया के लिए मुश्किलें पैदा करते हैं। दूध उत्पादों के साथ-साथ कैफीन, चीनी, नमक, काली चाय आदि ये सभी पदार्थ भी अतिरिक्त बलगम बनाते हैं। इसके साथ ही साथ जो लोग डेयरी उत्पादों को छोड़, सोया उत्पादों को अपना लेते हैं, इस स्थिति में उनके शरीर में अस्वस्थ बलगम बनने के जोखिम बढ़ जाते हैं।

गर्भावस्था – कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान नाक रूकना, खांसना और छींक आना आदि लक्षण महसूस होते हैं। गर्भावस्था में ये लक्षण काफी सामान्य होते हैं, इनको पीठ में दर्द और मॉर्निंग सिकनेस के समान दर्जा दिया जाता है। एस्ट्रोजन हार्मोन को भी बलगम का उत्पादन करने तथा उसको अधिक गाढ़ा या पतला करने के लिए जाना जाता है।

पोस्ट नेजल ड्रिप – जब अत्याधिक मात्रा में बलगम आपके गले और नाक में जमा हो जाता है और कफ बनाकर खांसी पैदा करता है। गले में कफ का निर्माण रात में होता है और सुबह तक यह गले में जम जाता है।

जुकाम या फ्लू – जुकाम या फ्लू के दौरान नाक और गले में साफ और पतले बलगम का निर्माण होता है। लेकिन, जब शरीर वायरस पर प्रतिक्रिया देने लगता है, तो बलगम गाढ़ा हो जाता है और हल्के पीले या हरे रंग का हो जाता है। यह फ्लू या जुकाम का सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य लक्षण व संकेत होता है।

मौसमी एलर्जी – काफी सारे लोग हर साल मौसमी एलर्जी से पीड़ित होते हैं। आम जुकाम के विपरित मौसमी एलर्जी के लक्षण, जैसे छींकना, खांसना, आंखों में खुजली और गले में बलगम जमना आदि ये सब लक्षण एक साथ ही हो जाते हैं। ऐसे कई एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ हैं, जो ये लक्षण पैदा करते हैं, इसमें सर्दियों के अंत से गर्मियों तक की अवधि शामिल होती है। पेड़ और फूलों की पराग मौसमी एलर्जी के प्रमुख कारकों में से एक होते हैं और इसके लक्षण तब तक रहते हैं जब तक एलर्जी करने वाले पदार्थ नष्ट नहीं हो जाते।

जोखिम कारक - कफ के जोखिम कारक निम्न हो सकते हैं: टौंसिल या गलसुओं की सूजन स्ट्रेप थ्रोट सर्दी की बीमारी (Catarrh) लेरिंजाइटिस

अक्सर गले में बलगम बनने पर यहीं लक्षण महसूस होते हैं। खसरा मोनोन्यूक्लिओसिस काली खांसी वायरल संक्रमण जैसे कि, चिकन पॉक्स

ये भी गले में बलगम बनने का कारण बन सकते हैं। अगर गला निम्न के कारण खराब हो गया है: वायु प्रदूषण केमिकलों का धुंआ सिगरेट पीना तो बलगम गले और नाक की परतों पर भी जमा हो सकता है।

ऐसी कई स्वास्थ्य संबंधी स्थितिया हैं, जो कफ का निर्माण कर सकती हैं, इनमें निम्न शामिल हो सकती हैं: एसिड रिफ्लक्स एलर्जी अस्थमा सिस्टिक फाइब्रोसिस क्रोनिक ब्रोंकाइटिस अन्य फेफड़े संबंधी रोग

कफ (बलगम) से बचाव के उपाय - Prevention of Phlegm

विटामिन C – ऐसा माना जाता है कि सर्दी-जुकाम के लक्षणों के शुरूआती समय में ही विटामिन C की बड़ी खुराक लेने से इसके लक्षणों की अवधि को कम किया जा सकता है।

जिंक – अध्ययन में पाया गया है कि जिंक कफ की रोकथाम के लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन, इसका इस्तेमाल करने से पहले इसके संभावित दुष्प्रभावों का अंदाजा लगा लेना चाहिए, जैसे: जिंक की गोलियां लेने के बाद जी मिचलाना मुंह में खराब स्वाद छोड़ देना जिंक वाले नेजल स्प्रे गंध महसूस करने की क्षमता को अस्थाई रूप से कम या बंद कर सकती है।

एक्यूप्रेशर – अगर नाक रुक गई है या साइनस पर दबाव पड़ गया है, जो यह प्रतिरक्षा प्रणाली पर तनाव डालता है। ऐसे में साइनस को खाली करने के लिए एक्यूप्रैशर का इस्तेमाल किया जाता है।

उपवास – कुछ लोगों द्वारा ऐसा माना जाता है कि कफ की रोकथाम के दीर्घकालिक स्थितियों के लिए फास्टिंग में उपचारात्मक गुण होते हैं। जैसे कि प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाना।

डेयरी उत्पाद, मांस या तला हुआ भोजन आदि जैसे खाद्य पदार्थ खाने से बचें, यह बलगम के उत्पादन को बढ़ाते हैं। गर्म तरल पदार्थ पीएं, क्योंकि ये वायुमार्गों को नम करते हैं, जिससे जमे हुऐ बलगम को निकालने में मदद मिलती है। बलगम को पतला करने के लिए मसालेदार खाद्य पदार्थों, हॉर्सरैडिश या हॉट चिली पैपर का सेवन करें। उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में आने से बचने की कोशिश करें, जैसे घरेलू क्लीनर, पेंट का धुआं, केमिकल या सिगरेट का धुआं आदि। धूम्रपान करना बंद कर दें, क्योंकि यह गले को उत्तेजित करता है और श्वसन संबंधी समस्याओं को और बद्तर बना देता है। गले व साइनस में जमे हुऐ कफ को ढ़ीला करने के लिए उबले हुऐ पानी से भाप लें या गर्म पानी से नहाएं। कफ को ढ़ीला व बलगम को पतला करने के लिए रोजाना कम से कम आठ गिलास पानी के पीएं। यह स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। बार-बार अपनी नाक को साफ करते रहें, ऐसा करने से बलगम के गले में जाने से बचाव किया जा सकता है। गर्म व नमक वाले पानी के साथ नियमित रूप से गरारे करें।

कफ (बलगम) का परीक्षण - Diagnosis of Phlegm

समस्या के कारण, स्थिति और उसके लिए एक सही उपचार योजना निर्धारित करने के लिए डॉक्टर कफ के रंग, घनापन और उसकी मात्रा की जांच करते हैं। आपके कफ का रंग उस मेडिकल समस्या का संकेत दे सकता है, जिससे आप पीड़ित हैं। क्योंकि, विभिन्न प्रकार के संक्रमणों में अलग-अलग रंग का कफ निकलता है।

लाल रंग का कफ (कफ में खून मिला होना) – कफ के साथ खून आना या कफ लाल रंग का दिखाई पड़ना ब्रोंकाइटिस जैसी समस्या और यहां तक की किसी गंभीर समस्या, जैसे टीबी आदि का संकेत दे सकता है।

सफेद रंग का कफ – सबसे स्वस्थ लोगों के कफ का रंग सफेद होता है। अगर आपके खांसने के दौरान सफेद रंग का कफ आता है, तो यह स्वस्थ व संक्रमण रहित शरीर का संकेत देता है। अगर इस मामले में अत्याधिक मात्रा में कफ निकल रहा है, तो उसके लिए उत्तेजक या एलर्जिक पदार्थों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

हरे रंग का कफ – जो लोग निमोनिया से संक्रमित होते हैं, उन लोगों में आमतौर पर हरे रंग का कफ देखा जा सकता है। जब खांसने के दौरान हरे रंग का कफ निकलता है तो यह संकेत देता है कि आपका शरीर निमोनिया से संक्रमित हो गया है।

भूरे रंग का कफ – खासकर जो लोग बहुत अधिक धूम्रपान करते हैं, उनका कफ आमतौर पर भूरे रंग का आता है।

पीले रंग का कफ – यह कफ या तो हल्के पीले या फिर गहरे पीले रंग का हो सकता है। यदि आप खांस रहे हैं और पीले रंग का कफ निकल रहा है। इसका मतलब है कि आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली श्वसन संक्रमण के साथ लड़ रही है। आपके संक्रमण का कारण बनने वाले सूक्ष्म जीव की पहचान करने के लिए आपके कफ के सैंपल को कल्चर और संवेदनशीलता परीक्षण (सेंसिटिविटी टेस्टिंग) के लिए भेजा जा सकता है। अत्याधिक मात्रा में कफ का निर्माण करने वाली स्थिति का उपचार करने के लिए आपको एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं।

कफ (बलगम) में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Phlegm श्वसन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले इन फूड्स का सेवन करें -

ऐसे खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन करने की कोशिश करें, जिनमें नींबू, अदरक और लहसुन शामिल हैं। मसालेदार खाद्य पदार्थ जिनमें कैप्सिसिन होता है, जैसे कि लाल मिर्च या काली मिर्च। ये अस्थायी रूप से साइनस को साफ करने में मदद कर सकते हैं, जिससे बलगम का जमाव कम हो जाता है। नीचे दिए गए खाद्य पदार्थ व सप्लीमेंट्स वायरल श्वसन रोगों की रोकथाम या उनका इलाज करने में मदद कर सकती है: जिनसेंग जामुन अनार अमरूद की चाय

नमक के पानी के साथ गरारे करें - हल्के गर्म नमक पानी के साथ गरारे करने से आपके गले के पीछे जमे बलगम को साफ करने में मदद मिलती है। यह रोगाणुओं को भी मार सकता है और गले में दर्द को शांत कर सकता है। एक ग्लास पानी में आधा या एक तिहाई चम्मच नमक मिलाएं। हल्का गर्म पानी लेना और भी बेहतर हो सकता है, क्योंकि इसमें नमक जल्दी घुल जाता है। फिल्टर किया हुआ या पैक्ड बोतल के पानी का उपयोग करना बेहतर हो सकता है, क्योंकि इसमें उत्तेजित करने वाला क्लोरीन नहीं होता। इस पानी की एक छोटी घूंट भरें और अपनी गर्दन को पीछे की तरफ झुका लें। इस घुंट को पीएं नहीं बल्कि इससे गरारे करें। अपने फेफड़ों से धीरे-धीरे हवा निकालते हुऐ 30 से 60 सेकिंडों तक गरारे करें और उसके बाद पानी को बाहर थूक दें। आवश्यकता के अनुसार इस प्रक्रिया को दोहराते रहें।

कफ बनने पर क्या करें ? - What to do if you have Phlegm आपके डॉक्टर बलगम को कम करने में मदद के लिए कुछ देखभाल के उपाय दे सकते हैं जैसे -

गर्म नमक के पानी से गरारे करें- ये आपके गले के पीछे से बलगम को साफ करने में मदद करता है और इंफेक्शन को मारने में मदद करता है.

हवा में ह्यूमिडिटी बनाए रखें- हवा में ह्यूमिडिटी बनाए रखने से बलगम को पतला रखने में मदद मिलती है.

डिकॉन्गेस्टेंट से बचें- डिकॉन्गेस्टेंट स्राव को सुखाते हैं, लेकिन वो बलगम को कम करने में ज्यादा मुश्किल खड़ी कर सकते हैं.

जलन, सुगंध, रसायन और प्रदूषण से बचें- ये नाक की झिल्ली को परेशान कर शरीर को ज्यादा बलगम पैदा करने का संकेत देते हैं.

हाइड्रेटेड रहना- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ खास तौर से पानी पीने से बलगम के प्रवाह में मदद मिल सकती है. साथ ही गर्म तरल पदार्थ प्रभावी हो सकते हैं लेकिन कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से बचें.

अपना सिर ऊपर उठाएं- सीधे लेटने से ऐसा महसूस होता है कि बलगम आपके गले के पिछले हिस्से में जमा हो रहा है.

धूम्रपान करने से बचें- धूम्रपान छोड़ना मददगार साबित हो सकता है. खासकर अस्थमा या सीओपीडी जैसी पुरानी फेफड़ों की बीमारी में ये ज्यादा फायदेमंद साबित होगा.

कफ सूखने पर क्या करें? कुछ ऐसी चीजें हैं जो आप कफ सूखने पर कर सकते हैं - गले के ऊतकों (टिशू) को मॉइस्चराइज़ और शांत करने के लिए गले के लोज़ेंग को चूसना अपनी खांसी को रोकने के लिए ओटीसी कफ सप्रेसेंट्स, जैसे डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न (रोबिटसिन) लेना गले से जुड़ी जलन को शांत करने के लिए गर्म पानी में शहद मिलाकर पीना |

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